ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय | APJ Abdul Kalam Biography in hindi

हेलो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट एपीजे अब्दुल कलाम के बारे (apj abdul kalam biography in hindi) में जानने वाले है। इस पोस्ट में एपीजे अब्दुल कलाम जी के जीवनी के साथ ही उसके जुडी कुछ अन्य रोच तथ्य को भी जानेगे।

APJ Abdul Kalam Biography in hindi
APJ Abdul Kalam Biography in hindi

अब्दुल कलाम जीवनी का झलक (Intro of Abdul Kalam biography in hindi)

संख्याजीवन परिचय बिंदुअब्दुल कलाम जीवन परिचय
1.नामअब्दुल कलाम
पूरा नामअवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम
उपनामद मिसाइल मैन ऑफ इंडिया
2.जन्म तिथि15 अक्टूबर, 1931
3.जन्म स्थानधनुषकोडी गाँव, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत
4.लिंगपुरुष
5.माता का नामअसिंमा
6.पिता का नामजैनुलाब्दीन
7.दादा का नामपकिर
8.परदादा का नामअवुल
9.वैवाहिक स्थितिअविवाहित
10.बहन का नामअसीम जोहरा
11.भाई का नामकासिम मोहम्मद, मुस्तफा कमाल, मोहम्मद मुथु मीरा
12.धर्मइस्लाम
13.नागरिकताभारतीय
14.शिक्षारामेश्वरम एलेमेंट्री स्कूल, सेंट जोसेफ कॉलेज तिरुचिरापल्ली, मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
15.पुरस्कारपद्म भूषण, वीर सावरकर पुरस्कार, पद्म विभूषण, इंदिरा गाँधी अवार्ड, भारत रत्न, आदि
16.पेशाप्रोफेसर, एयरोस्पेस वैज्ञानिक, राष्ट्रपति, लेखक
पसंदीदा पेशाप्रोफेसर (शिक्षक)
17.राष्ट्रपति कार्यकाल का समय2002-07
18.शौककिताबें पढ़ना, लिखना, वीणा वादन, पढ़ाना
19.उम्र84 वर्ष
20.निधन का स्थानशिलांग, मेघालय, भारत
21.निधन27 जुलाई 2015
22.निधन का कारणदिल का दौरा

ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय – APJ Abdul Kalam Biography in hindi

एपीजे अब्दुल कलाम (अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलामी) जो की भारत एक वरिष्ठ वैज्ञानिक होने के साथ ही 11 वे राष्ट्रपति थे। इनके राष्ट्रपति का कार्यकाल 2002 से 2007 रहा। इनको ‘जनता का राष्ट्रपति’ के नाम से भी नवाजा गया है।

अब्दुल कलाम का जन्म दिनांक 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिल नाडु में हुआ था, हम आपको बता दे कि कलाम जी का मृत्यु 27 जुलाई 2015 को शिलांग में हार्ट अटैक से हुआ था।

भले ही इनका जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था तभी यह काफी कामयाबी को हासिल किये। इनको ‘द मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से भी जाना जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत के महत्वपूर्ण संगठनों जैसे डीआरडीओ(DRDO) और इसरो (ISRO) में बहुत बड़ा योगदान दिया है।

एक बार की बात है एक कॉन्फ्रेंस के दौरान एक अंग्रेज ने बोला मुझे एक लाइन में बताओ ‘अब्दुल कलाम कौन है’? तो इस पर एक बच्चे ने जवाब दिया किअब्दुल कलाम एक सरल भारती है जो अवर्णनीय है यानी जिसका व्याख्या न किया जा सके।

अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन

एपीजे अब्दुल कलाम जिनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को धनुषकोडी गाँव, रामेश्वरम, तमिलनाडु में हुआ था। एपीजे अब्दुल कलाम जी का जन्म एक मुस्लिम के घर में हुआ था। इनके पिता जी एक नाविक थे वही उनकी माता गृहणी थी। अगर बात किया जाए उनके नाम का तो अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनुलाब्दीन और माता का नाम असिंमा था।

एपीजे अब्दुल कलाम जी का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) था। हम आपको बता दे कि अब्दुल कलाम उनका मुख्य नाम था वही अवुल उनके परदादा, पकिर उनके दादा, जैनुलाबदीन उनके पिता का नाम था।

स्कूल के समय में एपीजे अब्दुल कलाम सामान्य छात्र ही थे लेकिन उसके अंदर दूसरे छात्रों से एक चीज़ खास थी वह थी किसी चीज़ की जानने की इच्छा। वह हर एक चीज़ को जानना चाहते थे इसके के साथ वह अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दिया करते थे। उनके अंदर के सीखने का भूख कभी भी खत्म नहीं होता था।

अब्दुल कलाम जी को गणित विषय से काफी लगाव था, वह गणित विषय का अध्यन करने में काफी समय दिया करते थे। अगर बात करे उनकी स्कूल की पढ़ाई की तो हम आपको बता दे कि अब्दुल कलाम ने स्कूल की पढ़ाई श्वार्ट्ज हायर सेकेंडरी स्कूल (schwartz higher secondary school) यह तमिलनाडु में मौजूद है से किया था।

स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज (St. Joseph’s College, Tiruchirappalli) में दाखिला लिया। इस कॉलेज से उन्होंने सन 1954 में में भौतिक विज्ञान में पढ़ाई खत्म किया।

तिरुचिरापल्ली के सेंट जोसेफ कॉलेज के बाद कलाम जी सन 1955 में मद्रास चले गए, वहाँ पर कलाम जी ने मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (Madras Institute of Technology) से अंतरिक्ष इंजीनियरिंग (aerospace engineering) की पढाई को ख़त्म किया।

अब्दुल कलाम का करियर

अपनी पढ़ाई को खत्म करने के बाद एपीजे अब्दुल कलाम जी को दो ऑप्शन मिली एक रक्षा मंत्रालय (ministry of defence) तो दूसरा वायु सेना (air force) का। इस दोनों में इन्हे interview देने के लिए जाना था। हम आपको बता दे कि बचपन से ही एपीजे अब्दुल कलाम जी वायु सेना में जाना चाहते थे।

वायु सेना के इंटरव्यू के लिए कलाम साहब को देहरादून जाना हुआ। वायु सेना में 8 शीट्स थी वही इंटरव्यू देने वाले लोग 25 थे। एपीजे अब्दुल कलाम जी का इंटरव्यू हुआ और उनका रैंक 9वा था।

जिसके कारण उनका वायु सेना में सिलेक्शन न हो सका। यदि एक रैंक भी ऊपर होता तो वह सेलेक्ट हो जाते। अब कलाम जी के पास एक ही ऑप्शन था drdo ( Defence Research and Development Organisation) जिसमे अब्दुल कलाम जी सेलेक्ट हो गए। दूसरे शब्दों में कलाम जी से drdo से अपना रियर शुरू किया था।

DRDO में कुछ समय काम करने के बाद कलाम जी काफी प्रमोट हुए, कुछ समय के बाद ही प्रमोट हो करके कलाम जी dr vikram sarabhai की टीम में शामिल हो गए।

DRDO में कुछ समय काम करने के बाद कलाम जी काफी प्रमोट हुए, कुछ समय के बाद ही प्रमोट हो करके कलाम जी डॉ विक्रम साराभाई (dr vikram sarabhai) की टीम में शामिल हो गए। सन 1963 में डॉ विक्रम साराभाई की टीम में से कलाम जी NASA भेजने के लिए चुने गए।

कलाम जी ट्रेनिंग के लिए 6 महीने NASA में रहे। NASA ने जब कलाम जी के देखा तो वह चौक गया। NASA ने कलाम जी को अमेरिका का नागरिक बनने का और काफी पैसा देना का प्रस्ताव दिया। पर हमारे कलाम जी अपने देश के लिए कुछ करना चाहते थे तो उन्होंने NASA के इस प्रस्ताव को ठुकरा के भारत चले आए।

सन 1969 में अब्दुल कलाम जी को इसरो का डायरेक्टर बना दिया गया। कलाम जी अपने काम से इतना प्यार करते थे कि 10 साल में उन्होंने सिर्फ 2 छूटी लिया था एक अपने पिता के दिहंत पर तो दूसरा अपनी माता की दिहंत पर। 1982 में कलाम जी को DRDO का डायरेक्टर भी बना दिया गया।

अब्दुल कलाम का संघर्ष

जिस तरह हर किसी के जीवन में एक दौर ऐसा होता है जिसमे काफी ज्यादा संघर्ष करना होता है ठीक उसी प्रकार हमारे पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी के साथ भी था।

अब्दुल कलाम जी के पूर्वज काफी अमीर हुआ करते थे, उनके पास काफी धन-दौलत हुआ करता था लेकिन समय के साथ यह धन ख़त्म होता है गया। अब्दुल कलाम जी को अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए अख़बार को बेचना होता था।

अख़बार बेचने के साथ ही अन्य तरह से अपने घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने का प्रयास करना चाहते थे।

उस समय एक अध्यापक थे जो की उन बच्चों को मुफ्त में पढ़ाते थे जो सुबह 4 बजे नाहा के उनके घर टूशन पढ़ने आए। अध्यापक का घर अब्दुल कलम के घर से काफी दूर था तो भी अब्दुल कलम सुबह 3 बजे उठ करके नहाते और टूशन के लिए समय पर पहुंच जाते थे।

जब वह मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में पढ़ रहे थे तब उन्हें एक प्रोजेक्ट दिया गया था। इस प्रोजेक्ट में उन्हें एक विमान (aircraft) का डिज़ाइन तैयार करना था। अब्दुल कलाम जी से इस को तैयार करके अपने प्रोफेसर को दिखाया। कलाम जी का डिज़ाइन प्रोफसेर को अच्छा नहीं लगा।

उन्होंने कहा यदि 3 दिन के अंदर इससे अच्छा डिज़ाइन नहीं बनाया तो तुम्हारा छात्रवृत्ति (scholarship) को रद्द कर दिया जाएगा। छात्रवृत्ति रद्द होने की बात को सुनकर कलाम काफी डर गए। कलाम जी फिर से डिज़ाइन को बनाने में लग गए।

तीन दिनों तक वह इस डिज़ाइन को बनाते ही रहे, वह नहाना, खाना-पीना सब कुछ भूल गए थे। तीन दिन की कड़ी मेहनत रंग लेकर आई और उनका यह डिज़ाइन प्रोफेसर को काफी पसंद आया। जिससे उनका छात्रवृत्ति (scholarship) रद्द होने से बच गया।

कलाम जी को इसरो (ISRO) में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, जब इसरो शुरू ही हुआ था तब ही कलाम से उसमे शामिल हुए थे। हम आपको बता दे कि शुरू के दिनों में ISRO का ऑफिस एक चर्च था, वही राकेट का लॉन्च पैड समुन्द्र के किनारे हुआ करता था इसके साथ ही गोसला लैबोर्टय (laboratory) हुआ करती थी।

अब्दुल कलाम जी का देश के लिए कार्य

एयरोस्पेस वैज्ञानिक (aerospace scientist) के रूप में उन्होंने भारत की दो सबसे जरुरी और महत्वपूर्ण स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन DRDO और ISRO में काम किया। इनकी निगरानी में इस दोनी आर्गेनाइजेशन को काफी कामयाबी मिली।

सन 1963 में कलाम साहब की देख-रेख में भारत का पहला साउंडिंग रॉकेट (इसको रिसर्च रॉकेट भी कहा जाता है) को लॉन्च किया गया। सन 1979 में SLV-3 को लॉन्च किया गया लेकिन कुछ कमी के कारण यह सफल न हो सका लेकिन कलाम हार नहीं माने और एक साल बाद सन 1980 में SLV-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया।

1985 में कलाम साहब ने त्रिशूल मिसाइल को लॉन्च किया, वही 1989 में पृथ्वी मिसाइल को लॉन्च किया। इसी तरह से भारत को आकाश मिसाइल, नाग मिसाइल, अग्नि मिसाइल जैसी खास मिसाइल भी दिया।

अब्दुल कलाम का निजी जीवन

अब्दुल कलाम जी के निजी जीवन को काफी कम लोग ही जानते है तो चलिए हम आपको कलाम की निजी जीवन के बारे में बताते है।

मुस्लिम होने पर कलाम जी गर्व महसूस करते थे, साथ ही वह रोज नमाज पढ़ा करते थे और रमजान में रोजे भी रहा करते थे। हम आपको बता दे कि कलाम के पिता इमाम थे।

कलाम साहब हर एक धर्म को एक समान माना करते थे। वह मंदिर और चर्च भी जाया करते थे। कलाम साहब के 5 भाई और 4 बहने थे। कलाम साहब 3 भाई और 1 बहन से छोटे थे।

यह आजीवन अविवाहित ही रहे, अपनी सैलरी में से कुछ पैसा अपने भाई और बहन को भेजा करते थे। एक बार उनकी सगाई तय हो गई थी लेकिन यह अपने काम में इतने ब्यस्त थे की सगाई में जाना ही भूल गए।

अब्दुल कलाम राष्ट्रपति के रूप में

जब अब्दुल कलाम रिटायर हो गए तो उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने कलाम जी को मंत्रालय (ministry) देने को कहा लेकिन कलाम जी ने इसके लिए मना कर दिया।

कलाम जी ने अटल बिहारी वाजपेयी से कहा मैं नौजवान को पढ़ाना चाहता हूँ ताकि वह भारत को नई ऊंचाई पर लेकर जा सके। कुछ समय बाद सन 2002 में राष्ट्रपति बनने का समय आ गया तो फिर से अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कलाम जी से सम्पर्क किया।

अटल बिहारी वाजपेयी ने कलाम जी से कहा मैं आपसे एक प्रार्थना (request) करना चाहता हूँ, इस बार मना मत करिए गए। मैं राष्ट्रपति के पद के लिए आपको रेकमेंड करना चाहते हूँ।

इस पर अब्दुल कलाम जी मान गए। तो इस तरह से अब्दुल कलाम जी 2002 में भारत के 11वे राष्ट्रपति बने।

अब्दुल कलाम जी को एक बार कहा गया कि आपकी सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति भवन के बाउंड्री के दीवारों पर सीसे का टुकड़ा लगाना होगा। इस पर कलाम ने बिलकुल ही मना कर दिया उन्होंने कहा इससे चिडियों को काफी ज्यादा नुकसान हो सकता है।

अब्दुल कलाम का मृत्यु

दिनांक 27 जुलाई 2015, अब्दुल कलाम जी “एक रहने योग्य ग्रह पृथ्वी बनाना” (Creating a Livable Planet Earth) पर भाषण देने के लिए भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग (Indian Institute of Management Shillong) जो की Shillong में स्थित है वह गए थे।

जब वह सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे तभी उन्हें कुछ परेशानी महसूस हुई लेकिन उन्होंने खुद को सभाल लिया। भाषण शुरू होने के मात्र 5 मिनट (6:35 p.m. IST) बाद ही वह गिर गए।

उन्हें तुरंत ही बेथानी अस्पताल (Bethany Hospital) लेकर जाया गया जहाँ उनकी हालत काफी गभीर थी। उनकी हालत को देखते हुए उनको ICU में रखा गया।

समय, शाम के 7:45 बजे (IST) यह पुष्टि किया गया की अब्दुल कलाम जी की मृत्यु हृदय गति रुकने के कारण हो गया है। उनके सहयोगी सृजन पाल सिंह को उनके अंतिम शब्द कथित के तौर पर थे: “मजेदार आदमी! क्या आप अच्छा कर रहे हैं?”

Abdul Kalam के बारे मे पूछे जाने वाले सवाल और जवाब – FAQ

Q. अब्दुल कलाम का जन्म कब हुआ था?

A. अब्दुल कलाम का जन्म दिनांक 15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव, रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम नाविक के घर हुआ था।

Q. अब्दुल कलाम की मृत्यु कैसे हुई?

A. अब्दुल कलाम की मृत्यु हृदय गति रुकने के कारण हुई थी।

Q. अब्दुल कलाम के मिसाइल के नाम

A. अब्दुल कलाम के मिसाइल का नाम कुछ इस तरह से है: त्रिशूल मिसाइल, पृथ्वी मिसाइल, आकाश मिसाइल, नाग मिसाइल, अग्नि मिसाइल।

Q. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार

A. एपीजे अब्दुल कलाम के पुरस्कार कुछ इस तरह से है पद्म भूषण, राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, वीर सावरकर पुरस्कार, पद्म विभूषण, आदि।

निष्कर्ष

एपीजे अब्दुल कलाम जिसे हर एक भारतीय सम्मान की नजर से देखता है, आज जब वह हमारे साथ नहीं है तब भी उनका ज्ञान और कार्य हमारे साथ है। आज भी अब्दुल कलाम युवा के लिए प्रेरित होने का स्रोत है।

यदि कोई युवा कलाम जी की मार्गदर्शन पर चले तो उसे कोई मुश्किल, स्थिति कुछ भी कर सकती है। आज के पोस्ट में हमने ए.पी.जे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in hindi) जाना, आपको Dr. apj abdul kalam biography in hindi को पढ़ करके कैसा लगा आप हमें कमेंट करके बता सकते है। धन्यवाद

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